अच्छाई इसमें कुछ नहीं यूँ फँस के रोओगे छोड़ो इसे अब भी सही , क्यों स्वार्थ चुनते हो ?....... अच्छाई इसमें कुछ नहीं यूँ फँस के रोओगे छोड़ो इसे अब भी सही , क्यों स्वार्थ चुनते ...
इस जिंदगी को अपनी आस के इंद्रधनुष से सजाना है। इस जिंदगी को अपनी आस के इंद्रधनुष से सजाना है।
जिस घर में आई हूँ, उसे भी मैं संवार पाऊँ, मत लगाओ पाबंदियाँ, ताकि मैं भी स्वतंत्र रह पाऊँ...! जिस घर में आई हूँ, उसे भी मैं संवार पाऊँ, मत लगाओ पाबंदियाँ, ताकि मैं भी स्वतंत्...
एक गहन चिंतन के बाद मैंने पिताजी से पूछा- 'ये विविधता में एकता क्या है?' एक गहन चिंतन के बाद मैंने पिताजी से पूछा- 'ये विविधता में एकता क्या है?'
हर रस्ते हर सड़क पर कहीं खुला कहीं बंद गटर तो देखा ही होगा आपने ...आज इसमें झाँक के देखिए हर रस्ते हर सड़क पर कहीं खुला कहीं बंद गटर तो देखा ही होगा आपने ...आज इसमे...
हाँ ये वही "आशाऐं " हैं ।। किया जा सके शायद हर सपना पूरा जिससे,जोड़ा जा सके शायद उन टूटे दिलों के हिस... हाँ ये वही "आशाऐं " हैं ।। किया जा सके शायद हर सपना पूरा जिससे,जोड़ा जा सके शायद ...